डिब्बे में लेखक के प्रवेश करते ही नवाब साहब के आँखों में कैसा भाव दिखा?
  • दुःख के
  • ख़ुशी के
  • असंतोष के
  • संतोष के
नवाब साहब ने खीरों की फाँक का क्या किया?
  • खिड़की से बाहर फेंक दिया
  • लेखक को दे दिया
  • खा गए
  • बच्चे को दे दिया
नवाब साहब को कनखियों से कौन देख रहा था?
  • बच्चा
  • लड़की
  • लेखक
  • इनमें से कोई नहीं
नवाब साहब ने खीरों को खिड़की से बाहर क्यों फेंक दिया?
  • अमीरी दिखाने के लिए
  • पेट भरने के कारण
  • तबीयत खराब होने के कारण
  • इनमें से कोई नहीं
लेखक ने ट्रेन में सेकंड क्लास का टिकट क्यों लिया था?
  • आराम से यात्रा करने के लिए
  • अमीरी दिखाने के लिए
  • नई कहानी के बारे में सोचने के लिए
  • इनमें से कोई नहीं
लेखक ने नवाब साहब से खीरा न खाने का कारण क्या बताया?
  • उन्हें खीरा पसंद नहीं है
  • पेट भरा हुआ है
  • इच्छा नहीं है
  • इनमें से कोई नहीं
नवाब साहब ने लेखक को क्या खाने का निमंत्रण दिया?
  • बादाम
  • खीरा
  • बिस्किट
  • इनमें से कोई नहीं
अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए नवाब साहब ने क्या खरीदा था?
  • अखबार
  • पुस्तक
  • खीरा
  • पत्रिका
नवाब साहब को क्या गवारा न था?
  • मँझले दर्जे में यात्रा करते दिखना
  • लेखक से बात करना
  • खीरा खाना
  • इनमें से कोई नहीं
ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत किसकी थी?
  • नवाब साहब की
  • यात्री की
  • लेखक की
  • कवि की
वार्तालाप की शुरुआत किसने की?
  • लेखक ने
  • नवाब साहब ने
  • दुकानदार ने
  • इनमें से कोई नहीं
लेखक कनखियों से किसकी ओर देख रहे थे?
  • खिड़की की तरफ
  • घर की तरफ
  • स्टेशन की तरफ
  • नवाब साहब की तरफ
लखनऊ स्टेशन पर कौन खीरे के इस्तेमाल का तरीका जानते हैं?
  • नवाब साहब
  • लेखक
  • खीरा बेचने वाले
  • इनमें से कोई नहीं
नवाब साहब का सहसा क्या करना लेखक को अच्छा नहीं लगा?
  • बात करना
  • खीरा खाना
  • भाव-परिवर्तन करना
  • जेब से चाकू निकालना
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