रवीन्द्र संगीत किसको कहा जाता है ?
  • गीतो को
  • कविताओ को
  • रवीन्द्र के गीतो को
  • किसी को नहीं
कवि को कौन सा पुरस्कार पहले भारतीय के रूप मे मिला ?
  • नोबेल पुरस्कार
  • पदम
  • पदम विभूषन
  • कोई नहीं
सुख के दिनो मे कवि क्या करना चाहता है ?
  • भजन
  • दूसरों को कोसना
  • ईश्वर को स्मरण
  • काम
कवि ईश्वर से क्या नही चाहता है ?
  • दुख
  • सुख
  • सांत्वना
  • दुःख सुख
रवीन्द्र नाथ की कविता की शेली कैसी है ?
  • भावात्मक और आत्म कथात्मक
  • कठोर
  • हास्यात्मक
  • कोई नहीं
अपनी इच्छाओ की पूर्ति के लिये प्रार्थना के अलावा हम और क्या करते हैं ?
  • मेहनत करते हैं
  • दूसरो से प्रेरणा लेते हैं
  • आत्म विश्वास पर भरोसा करते हैं
  • सभी
इस कविता मे किस रस की प्रधानता है ?
  • वीर रस
  • शृङ्गार रस
  • शान्त रस
  • हास्य रस
कवि किसे वहन करना चाहता है ?
  • सुखो को
  • तानो को
  • रिश्तेदारो को
  • दुखो को
कवि संकटो का सामना किसकी मदद से करना चाहता है ?
  • ईश्वर की कृपा से
  • दोस्तो की मदद से
  • स्वयं
  • किसी की मदद से नहीं
कवि ने किसके न हिलने की प्रार्थना की है ?
  • हिमालय के
  • चान्द् के
  • तारो के
  • आत्मिक बल के
कवि किस पर विजय पाना चाहता है ?
  • स्वयं पर
  • दुश्मन पर
  • दुखो पर
  • दोस्तों पर
कवि क्या है ?
  • नास्तिक
  • शाक्त
  • आस्तिक
  • पाखंडी
कवि ईश्वर से प्रार्थना कर क्या कहता है ?
  • उसे मुसीबतों से बचाया जाये
  • उस पर कोई मुसीबत न आये
  • सभी संकटो से लडने की शक्ति
  • सभी
रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओ मे किस भाव की अभिव्यक्ति हुई ?
  • राष्ट्र प्रेम
  • मानव प्रेम
  • अध्यात्म प्रेम
  • सभी
ये कविता मूल रूप मे किस भाषा मे लिखी गयी थी ?
  • उर्दु मे
  • फ़ारसी
  • बांग्ला भाषा मे
  • उर्दू फ़ारसी
सुख के दिनों में कवि क्या चाहता है?
  • ईश्वर से उसका भरोसा उठ जाए
  • विनम्र होकर ईश्वर का हर पल आसपास अनुभव करे
  • ईश्वर के मुख को देखता रहे
  • ईश्वर को भूलकर मौज-मस्ती से रहे
दुखों से घिर जाने और लोगों से ठगे जाने पर
  • कवि का ईश्वर पर विश्वास डगमगा जाता है
  • कवि ईश्वर पर संदेह नहीं करना चाहता
  • कवि ईश्वर की करुणा चाहता है
  • कवि 'अनामय' रहना चाहता है
निखिल मही द्वारा वंचना करने का आशय स्पष्ट कीजिए।
  • सारी पृथ्वी के लोगों द्वारा दुख में कवि का साथ देना
  • सारी धरती के लोगों द्वारा सुख में कवि को धोखा देना
  • सारी धरती के लोगों द्वारा सुख में कवि का साथ देना
  • सारी धरती के लोगों द्वारा दुख में साथ छोड़ कर उसे धोखा देना
'नत शिर होकर सुख के दिन में'- से क्या आशय है?
  • सुख के दिनों में उसके मन में विनय का भाव बना रहे
  • सुख के दिनों में कवि की गर्दन अकड़ जाए
  • सुख के दिनों में कवि के मन में अहम् भाव आ जाए
  • उपर्युक्त सभी
कवि परमात्मा से सांत्वना क्यों नहीं चाहता?
  • क्योंकि कवि को परमात्मा पर विश्वास नहीं है
  • क्योंकि कवि दया की भीख नहीं माँगना चाहता
  • क्योंकि कवि के अनुसार सांत्वना से दुख कम नहीं होते
  • क्योंकि कवि दुख को महसूस करना चाहता है
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