'साथी हाथ बढ़ाना' गीत के गीतकार कौन हैं?
  • विष्णु प्रभाकर
  • दिलीप एम. साल्वी
  • साहिर लुधियानवी
  • सुमित्रानंदन पंत
किसके सहारे इंसान अपना भाग्य बना सकता है
  • धन के
  • खेल के
  • मेहनत के
  • किस्मत के
गीतकार कहाँ राहें पैदा करने की बात कह रहा है?
  • समुद्र में
  • हवा में
  • वन में
  • चट्टानों में
राई का पर्वत कैसे बनता है?
  • एक से एक मिलते चले जाने पर
  • खेत में पैदा होने पर
  • व्यापारियों द्वारा खरीदे जाने पर
  • वर्षा होने पर साथी हाथ बढ़ाना
हमारी मंज़िल क्या है?
  • सत्य
  • झूठ
  • छल
  • फरेब
इस गीत में किस प्रकार कार्य करने की बात की गई है?
  • मिलकर
  • मशीनों के द्वारा
  • आधुनिक तकनीक से
  • अकेले
मेहनत करने वालों के सामने कौन सीस झुकाता है?
  • पेड़
  • पर्वत
  • नदी
  • समुद्र
मिलकर मेहनत करने से क्या संभव है?
  • बड़ी से बड़ी मुश्किल हल हो जाती है।
  • सागर भी रास्ता दे देता है।
  • बाधाएँ स्वतः हल हो जाती हैं।
  • उपर्युक्त सभी
सागर के रास्ता छोड़ने का क्या अभिप्राय है?
  • सागर का अहंकार चूर होना
  • काम बन जाना
  • बड़ी से बड़ी बाधा दूर हो जाना
  • शत्रु पर विजय पाना
गीतकार ने हाथ बढ़ाने का प्रयोग किसके लिए किया है?
  • धन्यवाद देना
  • रास्ता माँगना
  • मिल-जुलकर काम करना
  • हाथ लंबा करना
जीवन में किससे नहीं डरना चाहिए?
  • चट्टानों से
  • काँटों से
  • मेहनत से
  • नई राहों से
यहाँ गैर किसको कहा गया है?
  • अंग्रेजों को
  • मुगलों को
  • विदेशियों को
  • उग्रवादियों को
गीतकार की मंजिल कैसी है?
  • बहुत ऊँची
  • बहुत दूर
  • सच की मंजिल
  • दुर्लभ मंजिल
गीतकार इस गीत में किस प्रकार कार्य करने की बात कहता है?
  • अकेले
  • मिलकर
  • आराम से
  • सोच-समझकर
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