'रस्सी' किसके लिए प्रयोग हुआ है?
  • बंधन के लिए
  • जीवन रूपी डोर के लिए
  • ईश्वर प्राप्ति के लिए हो रहे प्रयासों के लिए
  • परंपरा के लिए
'बंद द्वार की सौंकल' खुलने से क्या तात्पर्य है।
  • प्रज्ञा चक्षुओं का खुलना
  • दरवाजा खुलना
  • परमात्मा के पास जाने का रास्ता खुल जाना
  • संसार से विदा होना
'माझी' का यहाँ क्या अर्थ है?
  • नापिक
  • मध्यस्थ
  • ईश्वर
  • गुरु
हमारी ईश्वर से कब पहचान होगी?
  • जब हम कर्मों में लिप्त रहेंगे
  • जब हम शिक्षा प्राप्त करेंगे
  • जब हम दूसरों पर उपकार करेंगे
  • जब हम स्वयं को जानेंगे
'वाख' किसे कहते हैं?
  • एक पक्षी का नाम है
  • वाणी को वाख कहते हैं
  • कश्मीर में कविता को वाख कहते हैं
  • वाख ईश्वर भक्त को कहते हैं
'जेब टटोलने' का प्रतीकार्थ है?
  • आत्मावलोकन करना
  • खर्च का हिसाब लगाना
  • माझी को उसका किराया देना
  • किसी का कणी न रहना
रस्सी का प्रयोग कवयित्री ने किस के लिए किया
  • ईश्वर तक पहुँचने के लिए
  • रस्ती का प्रयोग प्राणों के उस सहारे के लिए हुआ है जो हमें ईश्वर तक ले जाता है
  • रस्सी बंधन का प्रतीक है
  • रस्सी मोहपाश का प्रतीक है
'समखा तभी होगा समभावी' पंक्ति में निहित जर्घ बताइए।
  • यमक
  • रूपक
  • श्लेष
  • उत्प्रेक्षा
'सुषुम सेतु पर खड़ी थी' पंक्ति में अर्थ बताइए।
  • यमक
  • श्लेष
  • रूपक
  • उपमा
समभावी का क्या अर्थ है?
  • ईश्वर के साथ समभाव रखना
  • सभी प्राणियों के साथ समभाव रखना
  • ईश्वर की साधना करना
  • कर्म करते रहना
भवसागर में कौन-सा अलंकार है?
  • उपमा
  • रूपक
  • अनुप्रास
  • यमक
कच्चे धागे किसका प्रतीक हैं?
  • वस्त्र का
  • डोर का
  • कर्मों का
  • कमजोर व नाशवान सहारे का
ललयद द्वारा रचित रचना को क्या कहते हैं?
  • दोहा
  • पद
  • वाख
  • सवैया
ललबद को जन्म में से किस नाम से नहीं जाना जाता?
  • लल्लेश्वरी
  • लाल्ल योगेश्वरी
  • ललारिफा
  • लंकेश्वरी
ललबद का जन्म कहाँ हुआ था?
  • हिमाचल प्रदेश में
  • श्रीनगर में
  • कश्मीर स्थित पाम्पोर के सिमरा गाँव में
  • मणिपुर में
कच्चा धागा किसका प्रतीक है?
  • कच्चे प्रम का
  • सच्चे प्रेम का
  • कमजोर और नाशवान् सहारे का
  • इनमें से कोई नहीं
'कच्चे सकोरे का क्या आशय है?
  • स्वाभाविक रूप में कमजोर प्रयास
  • सार्थक प्रयास
  • मुक्ति की आकांक्षा
  • भवसागर पार करने का माध्यम
कवयित्री को किस घर जाने की चाह हो रही
  • अपनी माँ के घर
  • आत्मा का परमात्मा से मिलन परमात्मा के घर
  • आपने प्रियतम के घर
  • उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
कवयित्री के मोक्ष प्राप्ति के रास्ते बंद क्यों हैं।
  • उसके प्रयास कमजोर हैं
  • उन्होंने नाशवान चीजों का सहारा लिया है
  • यह मोह ग्रस्त है
  • वह ईश्वर में विश्वास नहीं रखती
सलबद का जन्म कब हुआ था?
  • 1520 में
  • 1420 में
  • 1620 में
  • 1320 में
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