'अग्निपथ' कविता में कवि ने कैसे जीवन के बारे में बताया है?
  • वैभवपूर्ण जीवन
  • सहज जीवन
  • संघर्षमय जीवन
  • आडंबरहीन जीवन।
कवि मनुष्य से किस बात की शपथ लेने को कहता है?
  • परोपकार करने की
  • ईमानदारी की
  • कभी झूठ न बोलने की
  • कभी न थकने व लक्ष्य से न भटकने की।
दूसरों की सहायता लेने से कवि क्यों मना करता है?
  • यदि हम दूसरों की सहायता लेंगे तो हमारी संघर्ष करने की शक्ति कम हो जाएगी।
  • ऐसा करने से कवि के स्वाभिमान को ठेस पहुँचती है।
  • यदि हम दूसरों की सहायता लेंगे तो हमें भी उनकी सहायता करनी पड़ेगी।
  • दूसरों की सहायता असहाय लोग ही ले सकते हैं।
“एक पत्र छाँह भी माँग मत' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए
  • दूसरों से किसी भी प्रकार की सहायता की आशा न रखना
  • दूसरों के आश्रय में न रहना
  • दूसरों के बल पर आगे बढ़ना
  • इनमें से कोई नहीं।
निम्नलिखित में कौन-सी रचना हरिवंशराय जी की नहीं है?
  • मधुशाला
  • निशा-निमंत्रण
  • उर्वशी
  • क्या भूलूँ क्या याद करूँ।
श्री हरिवंशराय बच्चन को निम्नलिखित में से कौन-सा पुरस्कार नहीं मिला?
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार
  • सरस्वती सम्मान
  • ज्ञान पीठ पुरस्कार।
हरिवंशराय बच्चन का जन्म कब हुआ था?
  • 27 नवंबर सन् 1907 को
  • 15 अगस्त सन् 1930 को
  • 27 नवंबर सन् 1917 को
  • 27 अक्टूबर सन् 1927 को
'अग्निपथ' कविता किसके द्वारा लिखी गई है?
  • अमिताभ बच्चन
  • हरिवंशराय बच्चन
  • रामधारी सिंह दिनकर
  • अभिषेक बच्चन।
'एक पत्र छाँह भी माँग मत' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए
  • दूसरों से किसी भी प्रकार की सहायता की आशा न रखना
  • दूसरों के आश्रय में न रहना
  • दूसरों के बल पर आगे बढ़ना
  • इनमें से कोई नहीं।
कविता का मूल भाव क्या है?
  • वैभवपूर्ण जीवन
  • जीवन में निरंतर संघर्ष करना
  • पीछे मुड़कर देखना
  • गरीबों की सेवा करना
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